अमृतसर: पहलगाम शहीदों की याद में उमड़ा जनसैलाब

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अमृतसर, ( राहुल सोनी ) रविवार को अमृतसर के ऐतिहासिक कंपनी गार्डन में एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला, जब पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले में शहीद हुए निर्दोष नागरिकों की स्मृति में ‘श्रद्धांजलि यात्रा’ का आयोजन किया गया। मैत्रीबोध परिवार द्वारा आयोजित इस शांतिपूर्ण मार्च में लगभग 125 लोगों ने गहरी श्रद्धा और एकजुटता के साथ भाग लिया।

यह श्रद्धांजलि यात्रा केवल दिवंगत आत्माओं को नमन करने का एक अवसर नहीं थी, बल्कि यह ‘एक भारत’ की भावना को जीवंत करने और प्रेम, एकता और करुणा के मूल्यों को बढ़ावा देने का एक शक्तिशाली प्रयास भी था। प्रतिभागियों ने हाथों में श्रद्धा के प्रतीक लिए हुए, मौन रूप से शहीदों को याद किया और उनके बलिदान को नमन किया।

यात्रा के दौरान, ‘एक भारत, हम भारत’ के बुलंद नारों से वातावरण गूंज उठा, जो उपस्थित लोगों के हृदय में देशभक्ति और भाईचारे की भावना को और प्रगाढ़ कर रहा था। हर कदम शहीदों के प्रति मौन सम्मान और प्रेम का संदेश दे रहा था। राहगीरों और स्थानीय लोगों ने भी इस पहल का समर्थन किया और प्रेम तथा एकता के संदेश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया।

एक भावुक प्रतिभागी ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “पहलगाम में जिन निर्दोष पर्यटकों को अपनी जान गंवानी पड़ी, वे घृणा के शिकार हुए। इस श्रद्धांजलि यात्रा के माध्यम से हम उन्हें प्रेम और सम्मान के साथ याद करते हैं। यह यात्रा इस सत्य को उजागर करती है कि यदि नफरत जीवन ले सकती है, तो प्रेम में जीवन देने की शक्ति भी है।”

मैत्रीबोध परिवार के एक प्रवक्ता ने इस अवसर पर कहा, “आज जब समाज में दूरियां बढ़ती जा रही हैं, ऐसे समय में मैत्रेय दादाश्रीजी के मार्गदर्शन में मैत्रीबोध परिवार प्रेम और एकता का एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। यह यात्रा केवल कुछ कदमों का समूह नहीं थी, बल्कि यह दिलों को जोड़ने और मानवीय मूल्यों को स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।”

श्रद्धांजलि यात्रा का समापन कंपनी गार्डन में एक अनुशासित मौन साधना के साथ हुआ, जो शहीदों को समर्पित थी। यह एक ऐसा ऐतिहासिक क्षण था, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा – जब भारत ने डर पर प्रेम को, विभाजन पर एकता को और निराशा पर आशा को चुना। इस पहल ने न केवल पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि पूरे देश को शांति, सद्भाव और एकता के सूत्र में बांधने का एक शक्तिशाली संदेश भी दिया। यह घटना मानवीय करुणा और अटूट राष्ट्रीय भावना का एक प्रेरणादायक उदाहरण बनी।

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