कांगड़ा में रेड अलर्ट, प्रशासन सतर्क: ब्यास नदी की मॉनिटरिंग, शैक्षणिक संस्थान 26 अगस्त को बंद

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उपायुक्त हेमराज बैरवा ने अधिकारियों को फील्ड में मुस्तैद रहने के दिए निर्देश

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात, नदी-नालों के किनारे न जाने की अपील

अब तक 611 लाख का नुकसान, प्रभावितों को फौरी राहत और पुनर्वास की तैयारी

कांगड़ा जिले में मंगलवार को भारी बारिश और संभावित आपदा को देखते हुए रेड अलर्ट घोषित किया गया है। जिला प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने सोमवार को समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फील्ड में लगातार मौजूद रहें और राहत व पुनर्वास कार्यों में किसी भी स्तर पर कोताही न बरतें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी जिम्मेदारी और सतर्कता से कार्य करें।

ब्यास नदी के जल स्तर की लगातार निगरानी की जा रही है और पौंग डैम प्रबंधन के साथ भी संपर्क साधा गया है। इंदौरा उपमंडल में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। प्रशासन ने आम नागरिकों और पर्यटकों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें।

उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन राहत और पुनर्वास कार्यों को लेकर पूरी तरह तैयार है। जहां-जहां भूस्खलन के कारण मार्ग बाधित हो रहे हैं, वहां पर जेसीबी और अन्य मशीनरी लगाई गई है। लोक निर्माण विभाग को यातायात व्यवस्था बहाल रखने के लिए आवश्यक संसाधन तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आईपीएच विभाग को पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष उपाय करने को कहा गया है।

रेड अलर्ट को देखते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र 26 अगस्त को विद्यार्थियों के लिए बंद रहेंगे। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा है ताकि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

प्रशासन के अनुसार अब तक कांगड़ा जिले में बरसात से लगभग 611 लाख रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत देने के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। पुनर्वास कार्यों की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जनता से अपील की है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क करें। जिला मुख्यालय और सभी उपमंडलों में आपदा प्रबंधन केंद्र 24 घंटे सक्रिय हैं। इस अवसर पर एडीसी विनय कुमार, एडीएम शिल्पी बेक्टा और सभी उपमंडलाधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक में भाग लिया।

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