कांग्रेस की बंद कमरे की बैठक में राहुल-हुड्डा संवाद बना चर्चा का केंद्र, हरियाणा में संगठन की नई राह पर मंथन तेज

Date:

Share post:

हरियाणा कांग्रेस की संगठनात्मक दिशा और हालिया हार के कारणों पर आत्ममंथन के लिए बुधवार को चंडीगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के शीर्ष नेतृत्व और राज्य के वरिष्ठ नेताओं के बीच एक महत्वपूर्ण बंद दरवाजे की बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच हुआ एक दिलचस्प संवाद पार्टी गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गया है।

सूत्रों के मुताबिक, जब भूपेंद्र हुड्डा से विधानसभा चुनावों में मिली हार पर चर्चा हुई, तो उन्होंने बड़ी साफगोई से कहा, “जीत के तो कई बाप होते हैं, लेकिन हार का कोई नहीं।” हालांकि उन्होंने इस टिप्पणी का विस्तार से अर्थ नहीं बताया, लेकिन बैठक में मौजूद नेताओं ने इसे स्पष्ट रूप से चुनावी हार के बाद शुरू हुई दोषारोपण की राजनीति से जोड़ा। दरअसल, हाल ही में एआईसीसी द्वारा हरियाणा की कांग्रेस इकाई की हार के लिए आपसी गुटबाजी और नेतृत्व की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया था।

हुड्डा के इस व्यंग्यात्मक टिप्पणी के जवाब में राहुल गांधी ने बेहद आत्मीयता से कहा, “मैं हर चीज़ का पिता और दादा हूं, इसलिए जो कुछ भी हो रहा है उसकी पूरी ज़िम्मेदारी मेरी है।” राहुल गांधी के इस जवाब ने बैठक में मौजूद कई नेताओं को एक स्पष्ट संदेश दिया कि शीर्ष नेतृत्व अब जवाबदेही से पीछे नहीं हटेगा।

गौरतलब है कि राहुल गांधी इन दिनों कांग्रेस की विभिन्न राज्य इकाइयों के भीतर बदलाव के एजेंडे पर सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने गुजरात कांग्रेस को भाजपा की ‘स्लीपर सेल’ करार दिया था, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं को रेस के घोड़े, बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़े जैसे उपनाम देकर सुर्खियों में आ गए थे। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे आंतरिक नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी से मुक्त करने की कोशिश के रूप में देखा है।

बैठक में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने भी तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव परिणाम आए सात महीने हो चुके हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने अब तक कोई गंभीर समीक्षा बैठक नहीं की है। सैलजा की इस बात पर भूपेंद्र हुड्डा ने भी सहमति जताई और कहा कि आत्मचिंतन और दिशा परिवर्तन समय की मांग है।

बैठक में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस थोड़े अंतर से हारी थी, लेकिन राहुल गांधी ने इस पर भी दो टूक प्रतिक्रिया दी, उन्होंने कहा, “यह लगातार तीसरी बार है जब पार्टी राज्य में विधानसभा चुनाव हार चुकी है, और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।”

एआईसीसी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस बैठक में पार्टी के ढांचे के पुनर्गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राहुल गांधी अब जिला कांग्रेस समितियों (DCCs) को फिर से सक्रिय करने पर खास ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी जल्द ही जमीनी स्तर पर संगठन को दोबारा मजबूती देने की रणनीति को लागू करेगी।

वहीं, हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में लौटे वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह और अशोक तंवर ने बैठक में आशावादी स्वर में कहा कि कांग्रेस बहुत जल्द हरियाणा की सत्ता में वापसी करेगी। इन नेताओं की वापसी को चुनावी परिणामों से पहले संभावित बदलाव की आस के रूप में देखा गया था।

‘सामाजिक न्याय’ इस वक्त हरियाणा कांग्रेस के एजेंडे में केंद्रीय मुद्दा बन चुका है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान और वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव ने सामाजिक संतुलन और वर्गीय प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों नेताओं ने कहा कि जब तक सामाजिक इंजीनियरिंग को संगठनात्मक ढांचे में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक पार्टी के जनाधार को स्थायी रूप से नहीं जोड़ा जा सकता।

बैठक के बाद राहुल गांधी ने हरियाणा के पार्टी पर्यवेक्षकों और अन्य क्षेत्रीय नेताओं के साथ दो और महत्वपूर्ण बैठकें कीं। माना जा रहा है कि इन बैठकों में आगामी रणनीति, ब्लॉक स्तर पर संगठन को दोबारा खड़ा करने, और लोकसभा चुनाव की तैयारी से जुड़ी बातों पर विस्तार से चर्चा की गई।

हरियाणा कांग्रेस के भविष्य को लेकर यह बैठक एक नए सिरे से संगठन को खड़ा करने का संकेत देती है। अब देखना यह है कि राहुल गांधी और प्रदेश नेतृत्व के बीच बने इस संवाद और रणनीति से पार्टी अपनी खोई जमीन कितनी जल्दी वापस हासिल कर पाती है।

यह एक वेब आधारित न्यूज़ स्टोरी है, जो विश्वसनीय स्रोतों और प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार की गई है।

#CongressNews #RajasthanPolitics #RahulGandhi #BhupinderHooda #HaryanaCongress #PoliticalReform #AICCMeeting #ChandigarhNews #IndianPolitics #CongressStrategy #Election2024 #WebStory #BreakingNews #PoliticalLeadership #SocialJustice

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

अमृतसर का गुरु नानक देव अस्पताल बना उत्तर भारत का पहला सरकारी संस्थान जिसने की दुर्लभ हृदय रोग की सफल सर्जरी

(राहुल सोनी)अमृतसर का प्रतिष्ठित गुरु नानक देव अस्पताल एक ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ चिकित्सा क्षेत्र में नई मिसाल...

कम पानी में अधिक पैदावार का मंत्र: स्मार्ट फार्मिंग से बदलेगी खेती की तस्वीर

खेती अब केवल मेहनत नहीं, समझदारी और तकनीक की मांग करती है। बढ़ते जल संकट और बदलते मौसम...

Haryana CM Nayab Singh Saini Slams Opposition for Baseless Criticism, Highlights Pro-People Governance

In a sharp political counterattack aimed at the Congress party, Haryana Chief Minister Nayab Singh Saini on Monday...

Haryana Chief Minister Congratulates PM Modi on 11 Years of Leadership

Chandigarh: Haryana Chief Minister Nayab Singh Saini today extended his heartfelt congratulations and best wishes to Prime Minister...