पहलगाम के शांत पहाड़ों में 22 अप्रैल को हुई हिंसक घटना ने न केवल भारत बल्कि विश्व समुदाय को भी झकझोर कर रख दिया। आतंकियों द्वारा निर्दयतापूर्वक किए गए हमले में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल सहित 26 पर्यटकों की जान चली गई। इस घटना ने एक बार फिर कश्मीर घाटी में व्याप्त असुरक्षा और आतंकवाद के क्रूर चेहरे को उजागर किया। इस त्रासदी के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लेफ्टिनेंट नरवाल के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी, जो इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े रहे।
राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के साथ, करनाल स्थित लेफ्टिनेंट नरवाल के घर पहुंचे। जहां उन्होंने शहीद के परिवार के साथ लगभग एक घंटे का समय बिताया। लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी हिमांशी, जो हमले के समय उनके साथ थीं, अपने मायके गई हुई थीं। राहुल गांधी ने उनकी बहन, माता-पिता और चाचा से मिलकर इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लेफ्टिनेंट नरवाल के बचपन की तस्वीरों को देखा, उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और उनकी स्कूल की मार्कशीट भी देखी। यह दौरा न केवल एक राजनीतिक नेता द्वारा शोक व्यक्त करने का एक क्षण था, बल्कि एक मानवीय संवेदना का भी प्रतीक था, जो इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़ा रहा।
“आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता,” राहुल गांधी ने परिवार से बात करते हुए कहा, जो इस हमले की अमानवीयता को उजागर करता है। उन्होंने परिवार के साथ पानी पिया और लेफ्टिनेंट नरवाल के जीवन के बारे में जानकारी ली। इस दौरान, लेफ्टिनेंट नरवाल को शहीद का दर्जा दिए जाने को लेकर कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। यह दौरा पूरी तरह से शोक और संवेदना व्यक्त करने पर केंद्रित था।
रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस दौरे के बारे में बताते हुए कहा, “राहुल गांधी ने विनय नरवाल को श्रद्धांजलि देते हुए परिवारजनों से एकांत में बातचीत की। परिवार को ढांढस बंधाया। परिवार के दिल में कितना दर्द होगा आप समझ सकते हैं।” उन्होंने हिमांशी की ट्रोलिंग के सवाल पर कहा, “यह मीडिया का विषय नहीं है। पारिवारिक बातचीत हुई। राहुल गांधी का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था। उद्देश्य सिर्फ विनय नरवाल को श्रद्धांजलि देना था।”
पहलगाम में हुआ यह हमला, जो पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, सुरक्षा की गंभीर चिंताएं पैदा करता है। इस हमले ने न केवल पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि आतंकवाद किस प्रकार आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी हिमांशी ने सबसे पहले यह खुलासा किया कि आतंकियों ने नाम पूछकर पर्यटकों को गोली मारी, जो इस हमले की क्रूरता को दर्शाता है। यह घटना विश्व समुदाय के लिए भी एक चेतावनी है कि आतंकवाद किसी भी समय, कहीं भी हमला कर सकता है।
राहुल गांधी का यह दौरा, इस दुखद घटना के बाद, एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक मतभेदों से परे, मानवीय संवेदनाएं और एकजुटता सबसे महत्वपूर्ण हैं। यह दौरा न केवल लेफ्टिनेंट नरवाल के परिवार के लिए एक सहारा बना, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राष्ट्र इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है। यह घटना भारत के लिए एक चुनौती है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करे। यह घटना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक अनुस्मारक है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है, जिसके खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा।
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