पालमपुर, हिमाचल प्रदेश – कांगड़ा जिले के पालमपुर में एक बड़े खुलासे के तहत विजिलेंस टीम ने खुद को पत्रकार बताने वाले एक व्यक्ति को रंगे हाथ 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अमीर चंद डोगरा के रूप में हुई है, जो ‘ए-स्टार न्यूज पालमपुर’ नाम से फेसबुक पेज चलाता है और अपने आप को पत्रकार बताता है।
विजिलेंस विभाग के अनुसार, अमीर चंद डोगरा ने एक निजी शिक्षण संस्थान के संचालक भुवनेश्वर सूद से 20 लाख रुपये और एक ऑडी कार की मांग की थी। यह मांग उस वीडियो कंटेंट को हटाने के एवज में की गई थी, जिसमें डोगरा ने पालमपुर में सामने आए लैंड स्कैम को उजागर किया था। भुवनेश्वर सूद ने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी, जिसके बाद एक ट्रैप ऑपरेशन के दौरान आरोपी को 2 लाख रुपये की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
जमीन घोटाले के नाम पर ब्लैकमेलिंग
हाल ही में पालमपुर में एक विवादित भूमि घोटाला सामने आया था जिसमें कुछ लोगों की जमीनें बिना उनकी जानकारी और सहमति के, राजस्व विभाग की मिलीभगत से बेच दी गईं। इस मुद्दे पर अमीर चंद डोगरा ने सोशल मीडिया पर वीडियो और लाइव सेशन कर “जांच” का दावा किया था। लेकिन पीछे से वह पीड़ित पक्षों से ब्लैकमेलिंग कर रहा था — न कि किसी जनहित पत्रकारिता के उद्देश्य से।
सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल बना खतरा
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कैसे कुछ लोग सोशल मीडिया का सहारा लेकर खुद को पत्रकार बताकर अवैध तरीके से पैसे कमाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पहली घटना नहीं है, जब तथाकथित ‘फेसबुक पत्रकार’ ब्लैकमेलिंग या धमकी के आरोप में पकड़ा गया हो।
प्रशासन और मीडिया नियमन की बड़ी जरूरत
यह घटना राज्य प्रशासन और मीडिया नियामक निकायों के लिए एक चेतावनी है कि फर्जी पत्रकारिता और सोशल मीडिया के जरिए उगाही करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए। सच्चे पत्रकारों और मीडिया संस्थानों की छवि ऐसे लोग धूमिल कर रहे हैं।
इस तरह के मामलों में दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में भय पैदा हो और फर्जी पत्रकारिता पर अंकुश लगाया जा सके। इसके अलावा, सरकार को एक ऐसी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए जिससे सोशल मीडिया पर पत्रकारिता के नाम पर की जा रही अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
डीएसपी लोकेंद्र नेगी ने बताया कि आरोपी अमीर चंद डोगरा के खिलाफ धारा 308 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि आरोपी के फेसबुक पेज पर 15,000 के करीब फॉलोअर्स हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह काफी समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय था और खुद को “पत्रकार” के रूप में प्रस्तुत कर रहा था।
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कितनी आसानी से गलत उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, और इसे रोकने के लिए एक सशक्त नियामक तंत्र की तत्काल आवश्यकता है।
यह एक वेब जनित न्यूज़ स्टोरी है।
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