प्राकृतिक खेती उप-मंडल बनने से पांगी घाटी के किसानों की आर्थिकी को मिलेगा सम्बल

Date:

Share post:

मुख्यमंत्री की घोषणा से पांगी घाटी के किसान-बागवान में खुशी की लहर

चन्द्रभागा नदी के किनारे बसी पांगी घाटी के निवासी अपने उप-मंडल को प्रदेश का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल बनाने की घोषणा से खासे उत्साहित है। पांगी घाटी में यूं तो सदियों पुराने पारम्परिक तरीके से खेती की जाती रही है, लेकिन प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाकर यहां के किसान व बागवान आर्थिक रूप से समृद्ध बनेंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की घोषणा का सभी पांगीवासी खुले दिल से स्वागत कर रहे हैं और जिला प्रशासन ने सीएम की घोषणाओं को धरातल पर उतारने की कसरत तेज कर दी है।

पांगी घाटी की 19 पंचायतों के लगभग 25 हजार निवासियों में से अधिकतर अपनी आजीविका के लिए कृषि और बागवानी पर निर्भर हैं। लेकिन पारम्परिक तरीके से खेती करने के कारण फसलों को बीमारियों का खतरा बना रहता है। वहीं, प्राकृतिक खेती पद्धति में बीमारियों से बचाव और फसलों का उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है, जिससे उनके हाथ में अधिक पैसा आएगा।

दो वर्ष पूर्व प्राकृतिक खेती से जुड़ी भटवास निवासी रतो देवी कहती हैं कि हमारे बुजुर्ग भी खेती में रसायनों का उपयोग नहीं करते थे। हम आज भी किसी प्रकार की रसायनिक खाद या कीटनाशकों व अन्य दवाईयों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती में घनजीवामृत का स्प्रे किया जाता है, जिससे बेहतर पैदावार होती है। वहीं पुंटो गांव की सावित्री देवी ने बताया कि प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं घर पर ही उपलब्ध होती हैं। मिट्टी की उर्वरकता और फसल में बढ़ौतरी के लिए घनजीवामृत और जीवामृत का उपयोग किया जाता है। प्राकृतिक खेती की मूल आवश्यकता पहाड़ी या कोई भी भारतीय नस्ल की गाय है। इन नस्लों की गाय के गोबर में अन्य जानवरों की तुलना में लाभदायक जीवाणुओं की संख्या 300 से 500 गुणा अधिक होती है। वहीं, लालदेई ने बताया कि अपनी फसल को फफूंद और कीट-पंतगों से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती में खट्टी लस्सी, कन्नाई अस्त्र और अग्निस्त्र का छिड़काव किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती उप-मंडल बनने से पूरी पांगी घाटी में जहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा, वहीं किसानों-बागवानों की आय में भी बढ़ौतरी होगी।

प्रदेश में वर्ष 2022 में नई सरकार बनने के बाद पांगी घाटी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। वर्तमान में घाटी में लगभग 400 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है और अब तक 2100 से अधिक किसानों को इस पद्धति का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

ब्लॉक ट्रेनिंग मैनेजर पाली ने बताया कि क्षेत्र में सदियों से खेती-बाड़ी में रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता तथा यहां पर 90 प्रतिशत भूमि पर खेती और 10 प्रतिशत भूमि पर बागवानी की जा रही है। राज्य सरकार के प्रयासों से पांगी में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का एक एफपीओ गठित किया गया है। इस एफपीओ के माध्यम से किसानों का सेब 75 रूपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। वहीं राजमाह, आलू और मटर की फसल के भी अच्छे दाम मिल रहे हैं। अब प्राकृतिक खेती उप-मंडल बनने के लाभ भी क्षेत्र के किसानों को मिलंेगे।

इस साल हिमाचल दिवस पर पांगी में पहली बार आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उप-मंडल को प्राकृतिक खेती उप-मंडल बनाने की घोषणा की। वहीं, घाटी में प्राकृतिक खेती से उगाए जाने वाले जौ की फसल को भी 60 रूपये प्रति किलो समर्थन मूल्य देने की घोषणा की गई। पांगी घाटी के किसान व बागवान प्रदेश सरकार के इन घोषणाओं के लिए धन्यवाद कर रहे हैं, जिनसे वे आर्थिक समृद्धि की राह पर आगे बढ़ेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

Nine Days After ADGP Y. Puran Kumar’s Death, Family Agrees to Post-Mortem at Chandigarh PGI

In a major development in the case surrounding the death of Haryana ADGP and IPS officer Y. Puran...

एडीजीपी पूरन कुमार केस में नया मोड़: जांच कर रहे एएसआई संदीप कुमार ने भी की आत्महत्या, छोड़ा तीन पेज का सुसाइड नोट

हरियाणा में एडीजीपी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है।...

One Year Celebration on Hold — Haryana’s anniversary plans stall amid an IPS officer’s death

Haryana’s plans to mark the first anniversary of the Nayab Singh Saini government have been abruptly put on...

DGP Shatrujeet Kapur Sent on Leave After IPS Officer Y. Puran Kumar’s Suicide Sparks Massive Outrage

In a dramatic late-night decision, the Haryana government has sent Director General of Police (DGP) Shatrujeet Kapur on...