विधानसभा में हंगामा: भारी बरसात से तबाही पर विपक्ष ने साधा निशाना, मुख्यमंत्री रहे कटघरे में

Date:

Share post:

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आज का सत्र पूरी तरह से बरसात और आपदा से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को विपक्षी दलों, विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने घेरते हुए सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए। भाजपा ने राज्य में आई तबाही पर सरकार की “लापरवाह कार्यप्रणाली” को मुद्दा बनाकर सदन से वॉकआउट किया और सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने सदन में दावा किया कि सरकार आपदा से निपटने के लिए लगातार काम कर रही है, लेकिन विपक्ष का कहना था कि सरकार केवल बयानबाजी कर रही है और जमीनी स्तर पर राहत का काम बेहद धीमा है। भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बार-बार केवल अधिकारियों को निर्देश जारी करने की बात कहते हैं, जबकि गांव-गांव में लोग सड़कें टूटने, बिजली और पानी की सप्लाई बाधित होने से त्रस्त हैं।

वित्तीय नुकसान का हवाला देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन को जानकारी दी कि अब तक राज्य को दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। करीब 365 सड़कें अवरुद्ध हैं, 80 बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं और 35 से अधिक पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं। विपक्ष ने इस पर सरकार से सीधे सवाल किया कि इतने बड़े पैमाने पर नुकसान होने के बावजूद राहत कार्यों में तेजी क्यों नहीं लाई जा रही।

कुल्लू, शिमला और कांगड़ा जैसे जिलों में लगातार हो रही भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने हालात को और खराब कर दिया है। भाजपा विधायकों का कहना था कि मुख्यमंत्री केवल घटनास्थलों का दौरा करके फोटो खिंचवाते हैं, लेकिन पुनर्वास और राहत पैकेज के लिए कोई ठोस रोडमैप सामने नहीं रखते।

सदन में चर्चा के दौरान भाजपा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि आखिर कब तक सरकार सिर्फ आंकड़ों और रिपोर्टों का हवाला देती रहेगी। “लोगों के घर टूट गए, बागवानों की फसलें बर्बाद हो गईं, और सरकार केवल कह रही है कि नुकसान दर्ज कर लिया गया है। राहत कब पहुंचेगी?,” विपक्ष ने सवाल किया।

कांग्रेस विधायकों ने हालांकि सरकार का बचाव करते हुए कहा कि राज्य लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है और सीमित संसाधनों के बावजूद प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। मगर भाजपा इस तर्क से संतुष्ट नहीं हुई और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चली गई।

आज का विधानसभा सत्र स्पष्ट कर गया कि भारी बरसात और आपदा के मुद्दे ने प्रदेश की राजनीति को पूरी तरह से झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू को अब न केवल राहत कार्यों में तेजी लानी होगी बल्कि विपक्ष और जनता के तीखे सवालों का भी सीधे सामना करना पड़ेगा। विपक्ष ने साफ संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और ज्यादा उग्र रूप ले सकता है और कांग्रेस सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

#HimachalRains #HimachalAssembly #CMSukhu #BJPOpposition #MonsoonDamage

यह एक वेब-जनित समाचार रिपोर्ट है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

A Deep Rot in the System: Two Suicides, One Disturbing Pattern Exposing the Nexus Between Power and Crime in Haryana

Haryana’s law enforcement and administrative machinery stand shaken as back-to-back suicides of ADGP Y. Puran Kumar and ASI...

Nine Days After ADGP Y. Puran Kumar’s Death, Family Agrees to Post-Mortem at Chandigarh PGI

In a major development in the case surrounding the death of Haryana ADGP and IPS officer Y. Puran...

एडीजीपी पूरन कुमार केस में नया मोड़: जांच कर रहे एएसआई संदीप कुमार ने भी की आत्महत्या, छोड़ा तीन पेज का सुसाइड नोट

हरियाणा में एडीजीपी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है।...

One Year Celebration on Hold — Haryana’s anniversary plans stall amid an IPS officer’s death

Haryana’s plans to mark the first anniversary of the Nayab Singh Saini government have been abruptly put on...