शिमला में एनएचएआई और ग्रामीणों के बीच तनाव गहराया, मंत्री पर मारपीट के आरोप तो अधिकारियों पर गाली-गलौच और धमकी के केस दर्ज

Date:

Share post:

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आई एक घटना ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में नई बहस छेड़ दी है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब यह विवाद और उलझता जा रहा है। स्थानीय निवासियों द्वारा एनएचएआई के अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके चलते अब यह पूरा प्रकरण एक क्रॉस केस में तब्दील हो गया है। ढली थाना पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है और घटनाक्रम की जांच हर दृष्टिकोण से की जा रही है।

घटना की शुरुआत माठू कॉलोनी, भट्टाकुफर में एनएचएआई द्वारा फोरलेन निर्माण कार्य के चलते हुई, जहां हाल ही में एक पांच मंजिला इमारत जमींदोज हो गई। इस हादसे के तुरंत बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा गया। प्रभावित कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि एनएचएआई के लापरवाह निर्माण कार्य के कारण उनकी कॉलोनी की सुरक्षा खतरे में आ गई है। अनिल कुमार, हेत राम ठाकुर, सुरेंद्र चौहान सहित आठ निवासियों ने संयुक्त रूप से दर्ज शिकायत में बताया कि एनएचएआई के अधिकारी अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश ने न केवल रास्ता रोका बल्कि अपशब्दों का प्रयोग किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

वहीं, एक अन्य शिकायत में निहाल ठाकुर सहित स्थानीय निवासी बृज लाल, चंदा देवी, चेतन चौहान और रीना रपटा ने आरोप लगाया है कि बार-बार चेतावनी और निवेदन के बावजूद एनएचएआई ने कटाव का कार्य नहीं रोका, जिससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और उन्हें बिना वैकल्पिक व्यवस्था के अपने घर छोड़ने पड़े। उनका कहना है कि यह केवल इंजीनियरिंग की चूक नहीं बल्कि मानवीय लापरवाही और संवेदनशीलता की कमी का परिचायक है।

इस मामले में मोड़ तब आया जब एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रबंधक अचल जिंदल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि सोमवार को जब मंत्री अनिरुद्ध सिंह प्रशासनिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तो उन्हें एक कमरे में ले जाकर मारपीट की गई। जख्मी हालत में एनएचएआई के अधिकारी मौके से भागे और स्वयं अपनी गाड़ी से शिमला के IGMC अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि घटना के समय कई प्रशासनिक अधिकारी वहां मौजूद थे, लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया।

वहीं दूसरी ओर, मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि वह केवल निरीक्षण के लिए मौके पर गए थे और पीड़ित परिवारों की शिकायतें सुन रहे थे। उन्होंने दावा किया कि न तो उन्होंने किसी पर हाथ उठाया और न ही किसी तरह की जोर-जबरदस्ती की। उनका मानना है कि यह पूरा घटनाक्रम एनएचएआई की असफलता से ध्यान भटकाने के लिए रचा गया है।

स्थानीय जनता का कहना है कि उन्होंने प्रशासन और एनएचएआई से बार-बार अपील की थी कि फोरलेन के कटाव के कार्य को रोका जाए, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। आज जब हादसा हो गया, तब भी उन्हें कोई सुनवाई नहीं मिल रही और दोषियों पर कार्रवाई के बजाय उल्टा उन्हें ही कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।

पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच में जुटी है, जिसमें एक ओर मंत्री पर सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट का आरोप है, तो दूसरी ओर अधिकारियों पर ग्रामीणों से दुर्व्यवहार और धमकाने के आरोप हैं। यह मामला न केवल राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील हो गया है, बल्कि इससे प्रशासनिक तंत्र की जवाबदेही, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और स्थानीय समुदाय के अधिकारों पर भी गंभीर सवाल उठे हैं। आने वाले दिनों में इस प्रकरण की जांच और उससे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश की सियासत में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।

#ShimlaTension #NHAIvsLocals #HimachalPolitics #InfrastructureControversy #MinisterAnirudhSingh
This is an auto web-generated news web story.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

Punjab Leads India in NAS 2024: A Testament to Educational Reform and Policy Efficiency

In a significant milestone for the Indian education system, Punjab has been declared the top-performing state in the...

BJP Gears Up for National President Election Amid Growing Buzz Around Leadership Choices

The Bharatiya Janata Party (BJP) is finally moving toward appointing its new national president, a post that has...

भाजपा अध्यक्ष पद की तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार, नए नेतृत्व की तलाश में पार्टी और आरएसएस आमने-सामने

भारतीय जनता पार्टी अब अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की ओर निर्णायक कदम बढ़ा चुकी है। पार्टी...

महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र: अब दलों को जिम्मेदारी उठानी होगी

2023 में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम भारत में राजनीति के स्वरूप को बदलने का ऐतिहासिक अवसर है।...