सराज की पुकार, सरकार का सहारा: आपदा राहत में संवेदनशील नेतृत्व

Date:

Share post:

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मण्डी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित इलाकों का बुधवार को व्यापक दौरा कर न केवल राहत कार्यों की समीक्षा की, बल्कि लोगों की पीड़ा को साझा करते हुए उन्हें हर संभव सहायता का भरोसा भी दिलाया। इस आपदा में कई लोगों ने अपने घर, पशुधन और व्यवसाय गंवाए हैं। मुख्यमंत्री ने बगस्याड़ में राहत शिविरों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने आपदा पीड़ितों से बातचीत कर उनकी परेशानियों को सुना और सरकारी व्यवस्थाओं के प्रति संतोषजनक प्रतिक्रिया भी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री को ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर या तो पूरी तरह ढह गए हैं या फिर इस कदर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कि उनमें रहना संभव नहीं है। उन्होंने जल्द पुनर्वास की मांग उठाई, जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़ी है और हर स्तर पर सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों की संपत्तियां या जमीनें आपदा की भेंट चढ़ गई हैं, उन्हें पुनर्वास के लिए राज्य सरकार भूमि उपलब्ध करवाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि वन भूमि पर पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य है, और इसके लिए एक विस्तृत प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस विषय पर हिमाचल प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों से आग्रह किया कि वे वन भूमि पर पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से अनुमति दिलवाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश का लगभग 68 प्रतिशत हिस्सा वन भूमि में आता है और ऐसे में विशेष अनुमति के माध्यम से आपदा पीड़ितों को यहां बसाया जा सकता है। उन्होंने भाजपा सांसदों से आग्रह किया कि वे इस गंभीर मानवीय संकट को राजनीति से ऊपर उठकर देखें और सहयोग करें।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह भी स्पष्ट किया कि वे केवल निरीक्षण के लिए नहीं, बल्कि पीड़ितों के दुख को करीब से समझने और राहत में तेजी लाने के उद्देश्य से सराज आए हैं। उन्होंने कहा कि वे आज रात भी लोगों के बीच रहेंगे ताकि प्रशासनिक तैयारियों की गुणवत्ता को प्रत्यक्ष रूप से देख सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि जान की क्षति का कोई मुआवजा संभव नहीं, लेकिन सरकार उन परिवारों को जिनके घर, दुकानें, गौशालाएं और मवेशी इस आपदा में प्रभावित हुए हैं, हरसंभव आर्थिक मदद उपलब्ध करवाएगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार घरों के पुनर्निर्माण के लिए 7 लाख रुपये तक की सहायता राशि देगी।

मुख्यमंत्री ने बगस्याड़, थुनाग, थुनाडी, लांबाथाच, जरोल, पांडवशिला, कुथाह और जंजैहली का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत गंभीर रही है और कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह की विनाशकारी आपदा पहले कभी नहीं देखी। लोग अपनी जान बचाकर भागे, लेकिन सब कुछ पीछे छोड़ आए। मुख्यमंत्री ने इन दिल दहला देने वाले अनुभवों को सुनकर सभी प्रभावितों को राज्य सरकार की तरफ से हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया।

सराज क्षेत्र में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की और बताया कि वे स्वयं हेलीकॉप्टर के माध्यम से रैन गलू तक राहत सामग्री लेकर पहुंचे हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सराज में अवरुद्ध सड़कों को खोलने के लिए विशेष प्राथमिकता दी जा रही है और लोक निर्माण विभाग की करीब 50 जेसीबी मशीनें राहत कार्यों में लगी हैं। जब तक सड़कों की बहाली नहीं होती, राहत सामग्री की आपूर्ति एक चुनौती बनी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने मंडी जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि राहत शिविरों में पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ लोग इस त्रासदी के समय को भी राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग कर रहे हैं, जबकि सरकार जनसेवा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 की आपदा के समय भी प्रदेश सरकार ने सीमित संसाधनों के बावजूद पुनर्वास का कार्य सफलता से किया था, और इस बार भी वे पीड़ितों की हरसंभव मदद करेंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वे नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के साथ लगातार संपर्क में हैं और राहत कार्यों के संचालन में समन्वय बना हुआ है। केंद्र सरकार के सहयोग से भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में लगाए गए हैं, जिनका उपयोग जय राम ठाकुर भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राजनीति का नहीं, बल्कि जनसेवा का समय है।

अब तक की जानकारी के अनुसार, आपदा में 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 27 लोग लापता हैं। मंडी जिले में 290 लोगों को बचाया गया है। आपदा से 1,184 मकान, 710 गौशालाएं और 201 दुकानें प्रभावित हुई हैं, वहीं 780 पशुओं की भी मौत हुई है। राहत और पुनर्वास में सहायता के लिए थुनाग, करसोग और गोहर क्षेत्रों में 177 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन ने 2,657 राशन किट, 3,603 तिरपाल वितरित किए हैं और 17 राहत शिविरों में 677 लोग ठहरे हुए हैं। इसके अलावा, प्रभावित परिवारों को तात्कालिक वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि इस कठिन समय में एकजुट होकर काम करें और पीड़ितों को संबल दें।

#आपदा_में_अपनों_के_साथ #HimachalFloods #MandiReliefWork #CM_Sukhu #SerajFloods #RehabilitationEfforts #DisasterResponse #ForestLandRehabilitation #PublicSupportHimachal #HimachalReliefUpdate

यह एक वेब जनरेटेड न्यूज़ वेब स्टोरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

एडीजीपी पूरन कुमार केस में नया मोड़: जांच कर रहे एएसआई संदीप कुमार ने भी की आत्महत्या, छोड़ा तीन पेज का सुसाइड नोट

हरियाणा में एडीजीपी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है।...

One Year Celebration on Hold — Haryana’s anniversary plans stall amid an IPS officer’s death

Haryana’s plans to mark the first anniversary of the Nayab Singh Saini government have been abruptly put on...

DGP Shatrujeet Kapur Sent on Leave After IPS Officer Y. Puran Kumar’s Suicide Sparks Massive Outrage

In a dramatic late-night decision, the Haryana government has sent Director General of Police (DGP) Shatrujeet Kapur on...

Historic Breakthrough in Middle East Diplomacy: Indonesian President and world leaders to Visit Israel as Netanyahu Heads to Sharm El-Sheikh Summit

Saptrishi Soni,।Diplomatic Shift in the Middle East: Indonesian President to Visit Israel as Regional Leaders Prepare for Sharm...