सामान्य यात्री अब 26 और 27 जुलाई को हरियाणा के विभिन्न शहरों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सी ई टी) परीक्षा में सेवाएं देने वाली बसों में सफर कर सकेंगे : परिवहन मंत्री अनिल विज

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हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि 26 और 27 जुलाई, 2025 को हरियाणा के विभिन्न शहरों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सी ई टी) परीक्षा में सेवाएं देने वाली बसों के अंदर अब आम यात्री भी सफर कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनके सुझाव को मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अपनी सहमति/मान लिया है क्योंकि 27 जुलाई को हरियाणा में तीज का त्यौहार है और इस त्यौहार के दिन ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ आवागमन करते है। उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए सुचारू, निर्बाध और सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए श्री विज ने बताया कि इस बारे में उनके द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने परिवहन मंत्री की राय पर सहमति जता दी है। परिवहन मंत्री द्वारा लिखी गई राय के अनुसार मुख्यमंत्री सहमत हो गए हैं क्योंकि तीज-त्योहारों पर आम जनता को असुविधा न हो। इसलिए, जिन बसों का शेड्यूल और रूट सीईटी अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित किया गया है, उनमें आम जनता को भी अब यात्रा करने की अनुमति दी गई है।

श्री विज ने अपने सुझाव में मुख्यमंत्री को लिखा था कि उनकी राय में यह उचित नहीं है कि 26 और 27 जुलाई को 20% बसें पूरे हरियाणा का भार नहीं उठा सकतीं। चूँकि उस दिन तीज-त्योहारों के अवसर पर बड़ी संख्या में नागरिक यात्रा करते हैं, इसलिए आम जनता के लिए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिस पर मुख्यमंत्री सहमत हो गए है।

उल्लेखनीय है कि एचएसएससी सीईटी की लिखित परीक्षा के लिए यात्रा सुविधा की व्यवस्था के संबंध में परिवहन मंत्री द्वारा एक प्रस्ताव के जवाब में पूछा गया था कि “एचएसएससी द्वारा 26 और 27 जुलाई, 2025 को आयोजित की जा रही सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) के मद्देनजर, सभी पंजीकृत सीईटी उम्मीदवारों को राज्य भर में परीक्षा में शामिल होने के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है”।

श्री विज के अनुसार यह भी बताया गया कि “हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 27 जुलाई, 2025 को तीज का उत्सव भी है, जो हरियाणा में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, जिसके दौरान बड़ी संख्या में नागरिक, विशेषकर महिलाएं, परिवार और मंदिरों में दर्शन करने के लिए यात्रा करती/करते हैं। इसलिए, आम जनता के लिए सुचारू, निर्बाध और सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अत: यह निर्धारित करना आवश्यक है कि आम जनता और यात्रियों की सुविधा के लिए उनके धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, दिन-प्रतिदिन और अन्य पारिवारिक समारोहों आदि में शामिल होने के लिए क्या वैकल्पिक और विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि इन दिनों उन्हें किसी भी असुविधा और बाधा का सामना न करना पड़े”।

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