हरियाणा में गेहूं की बंपर फसल बनी संकट, भंडारण व्यवस्था चरमराई

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हरियाणा में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान तो बिखेरी है, लेकिन साथ ही सरकारी व्यवस्थाओं की पोल भी खोल दी है। विभिन्न जिलों में भारी मात्रा में गेहूं मंडियों में पहुंच रहा है, लेकिन भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते यह अनमोल अन्न सड़कों और खुले मैदानों में पड़ा सड़ रहा है। ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है, ग्रामीण स्कूल परिसरों तक में अस्थायी भंडारण की नौबत आ गई है, और हर ओर अव्यवस्था का आलम है।

हर साल फसल कटाई के समय ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, लेकिन इस बार समस्या का दायरा कहीं अधिक बड़ा है। आधुनिक कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीनों के चलते उत्पादन की गति तेज हुई है, पर राज्य की अनाज मंडियां और खरीद केंद्र इस तेज रफ्तार के अनुकूल खुद को ढालने में विफल साबित हो रहे हैं। इससे किसानों को मजबूरी में सड़कों पर अपनी फसल बिखेरनी पड़ रही है, जहां मौसम की मार, गंदगी और ट्रैफिक का जोखिम हमेशा बना रहता है।

राज्य सरकार ने भले ही अस्थायी प्रबंधन की बात कही हो, लेकिन दीर्घकालिक समाधान अब जरूरी होता जा रहा है। बड़े स्तर पर खरीद केंद्रों के पुनर्गठन और नए वेयरहाउस की स्थापना की बात कही जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर योजनाएं बन रही हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि फसल का उठाव यानी ‘लिफ्टिंग’ अत्यंत धीमी गति से हो रहा है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि राज्य स्तर पर अब तक केवल 45 प्रतिशत के आसपास गेहूं की लिफ्टिंग हो सकी है, जिससे आने वाली नई फसल के लिए जगह बनाना एक बड़ी चुनौती बन गई है।

कुछ जिलों में प्रदर्शन औसत से नीचे है, जिससे समग्र स्थिति और जटिल हो रही है। वहीं कुछ जिलों ने सराहनीय कार्य करते हुए अपेक्षाकृत तेज़ी से भंडारण और उठाव की प्रक्रिया पूरी की है। यह इस ओर इशारा करता है कि यदि प्रशासन इच्छाशक्ति दिखाए और संसाधनों का सही उपयोग करे, तो इस संकट का समाधान संभव है। लेकिन फिलहाल, किसानों को अपनी मेहनत की फसल खुले आसमान के नीचे रखने की पीड़ा झेलनी पड़ रही है, और सरकार को इस चुनौती का स्थायी समाधान जल्द से जल्द निकालना होगा।

हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य में, जहां गेहूं उत्पादन देश में अग्रणी है, वहां ऐसी स्थिति चिंताजनक है। अगर गेहूं की बर्बादी नहीं रोकी गई, तो इसका असर ना सिर्फ किसान की आमदनी पर पड़ेगा, बल्कि खाद्य सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह मौजूदा संकट से सबक लेकर, भविष्य के लिए ऐसी रणनीति बनाए, जिससे हर बंपर फसल पर गर्व किया जा सके, न कि संकट में तब्दील होती सफलता का मातम मनाना पड़े।

Bumper Wheat Harvest Triggers Storage Crisis, Tests State Machinery in Haryana
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