हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम-2025 लागू, प्रभावित परिवारों को मिलेगी त्वरित राहत

Date:

Share post:

हिमाचल प्रदेश सरकार ने आज से प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम-2025 लागू करने की औपचारिक घोषणा कर दी है। इस अधिनियम के लागू होने के साथ ही अब राज्य के सभी अधिकारी और कर्मचारी आपदा की स्थिति में समयबद्ध और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए बाध्य होंगे। इसका अर्थ है कि किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना या अन्य आपात परिस्थितियों में राहत और बचाव कार्य अब तय मानकों और समयसीमा के भीतर पूरे किए जाएंगे। सरकार ने इसे हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक चुनौतियों और हाल ही में लगातार सामने आई प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर एक ऐतिहासिक और आवश्यक कदम बताया है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम-2025 लागू होने का सीधा मतलब है कि अब प्रभावित परिवारों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पहले जहां प्रशासनिक देरी और संसाधनों की कमी के कारण पीड़ितों तक मदद पहुंचने में समय लगता था, वहीं अब संबंधित विभागों और अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई की कानूनी जिम्मेदारी होगी। राहत सामग्री का वितरण, पुनर्वास योजनाओं का कार्यान्वयन, आर्थिक सहायता की उपलब्धता और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच अब अधिक संगठित और पारदर्शी तरीके से होगी।

इस अधिनियम के तहत सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर तैनात कर्मियों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि संकट के समय प्राथमिक प्रतिक्रिया तुरंत दी जा सके। साथ ही, जिला और राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को और अधिक अधिकार और संसाधन प्रदान किए जाएंगे। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि अब राहत और पुनर्वास कार्यों की जवाबदेही स्पष्ट होगी। यदि किसी अधिकारी या विभाग की लापरवाही के कारण पीड़ित परिवारों तक समय पर मदद नहीं पहुंचती, तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिनियम लागू करने के मौके पर कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार हर प्रभावित परिवार की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अधिनियम के लागू होने से न केवल मौजूदा आपदा प्रबंधन प्रणाली मजबूत होगी, बल्कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी भी बेहतर होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में आपदा प्रबंधन केंद्र सक्रिय रूप से कार्य करें और स्थानीय जनता को भी प्रशिक्षण देकर राहत कार्यों में सहयोगी बनाया जाए।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिनियम हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए अत्यंत आवश्यक था, क्योंकि यहां हर साल मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं से बड़े पैमाने पर जन और धन की हानि होती है। उदाहरण के तौर पर, पिछले दो वर्षों में कई जिलों में बादल फटने और लगातार बारिश से सैकड़ों परिवार विस्थापित हुए और भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा। ऐसे में इस अधिनियम के लागू होने से प्रभावितों तक त्वरित राहत पहुंचना अब सुनिश्चित होगा।

इस अधिनियम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अब राहत राशि का वितरण डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से होगा। इससे भ्रष्टाचार और देरी की संभावनाएं कम होंगी। इसके अलावा, अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि आपदा प्रभावित बच्चों और महिलाओं की विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब राज्य लगातार प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है और लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता गहराती जा रही है। आपदा प्रबंधन अधिनियम-2025 न केवल प्रशासनिक मजबूती का प्रतीक है, बल्कि यह जनता के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। इससे यह संदेश भी गया है कि राज्य सरकार केवल आपदा के बाद राहत देने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि एक दीर्घकालिक और व्यवस्थित आपदा प्रबंधन तंत्र विकसित करने के लिए संकल्पित है।

कुल मिलाकर, यह अधिनियम हिमाचल प्रदेश के लिए एक नए युग की शुरुआत है, जहां आपदा प्रबंधन केवल औपचारिकता नहीं बल्कि एक संगठित, जवाबदेह और मानवीय व्यवस्था बनकर उभरेगा। इससे न सिर्फ प्रभावित परिवारों को राहत मिलेगी बल्कि आम नागरिकों में भी यह विश्वास बढ़ेगा कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है।


यह एक वेब-जनरेटेड न्यूज़ रिपोर्ट है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

A Deep Rot in the System: Two Suicides, One Disturbing Pattern Exposing the Nexus Between Power and Crime in Haryana

Haryana’s law enforcement and administrative machinery stand shaken as back-to-back suicides of ADGP Y. Puran Kumar and ASI...

Nine Days After ADGP Y. Puran Kumar’s Death, Family Agrees to Post-Mortem at Chandigarh PGI

In a major development in the case surrounding the death of Haryana ADGP and IPS officer Y. Puran...

एडीजीपी पूरन कुमार केस में नया मोड़: जांच कर रहे एएसआई संदीप कुमार ने भी की आत्महत्या, छोड़ा तीन पेज का सुसाइड नोट

हरियाणा में एडीजीपी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है।...

One Year Celebration on Hold — Haryana’s anniversary plans stall amid an IPS officer’s death

Haryana’s plans to mark the first anniversary of the Nayab Singh Saini government have been abruptly put on...