हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने गुरुग्राम में गैस पाइपलाइन में लगी आग की घटना को अत्यंत गंभीर मानते हुए कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सिस्टम से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि कोई अधिकारी लापरवाही करेगा, तो उसे किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। गुरुग्राम में मीडिया से बात करते हुए विज ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और कहा कि यह महज एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की चूक का उदाहरण है, जिसकी परत-दर-परत जांच की जाएगी।
विज ने बताया कि इस घटना के तुरंत बाद उन्होंने ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित करने के आदेश दे दिए हैं। यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि बिजली लाइन के ठीक नीचे गैस पाइपलाइन कैसे बिछाई गई, क्या सभी तकनीकी मानकों का पालन किया गया, और यह भी सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराई जाए। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में एक विस्तृत सर्वे कराया जाएगा ताकि यह देखा जा सके कि और किन-किन स्थानों पर ऐसे खतरनाक निर्माण हुए हैं।
गर्मी के मौसम में बिजली आपूर्ति को लेकर पूछे गए सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस बार राज्य में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने गर्मी के मौसम की बढ़ती मांग को देखते हुए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली है और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की जा चुकी है। हर सब-स्टेशन पर ट्रांसफार्मर बैंक और मरम्मत कार्य के लिए वाहन तैनात किए जा चुके हैं। बिजली आपूर्ति प्रणाली में सुधार के लिए कमजोर तारों और कंडक्टरों को बदलने के आदेश भी दिए गए हैं।
विज ने यमुनानगर में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 800 मेगावाट की अल्ट्रा क्रिटिकल थर्मल यूनिट के शिलान्यास की जानकारी देते हुए कहा कि खेदड़ और पानीपत में भी जल्द ही थर्मल यूनिट्स का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास बिजली की कोई कमी नहीं है, लेकिन समस्या तब आती है जब कहीं फॉल्ट हो जाता है। इसलिए अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि फॉल्ट की स्थिति में तत्काल कार्रवाई हो और उपभोक्ताओं को न्यूनतम असुविधा हो।
हाल ही में एक अधिकारी के निलंबन और अफसरशाही पर नियंत्रण को लेकर उठे सवालों का जवाब देते हुए विज ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि अगर कोई अधिकारी चुने हुए प्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाता, तो वह लोकतांत्रिक प्रणाली को ठेंगा दिखा रहा है। उन्होंने दो टूक कहा कि जब एक मंत्री या विधायक के कॉल का जवाब नहीं दिया जाता, तो आम नागरिकों की समस्याएं कैसे सुनी जाएंगी। यह एक गंभीर मामला है और इसका सीधा असर पूरे सिस्टम पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता से जुड़े हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से ही चलती है, और अगर यही तंत्र निष्क्रिय हो जाए, तो पूरा प्रशासनिक ढांचा चरमरा जाएगा।
विज ने कहा कि वह सिस्टम को रौंदने नहीं देंगे और कोई भी अधिकारी यदि इस प्रणाली को कमजोर करने की कोशिश करेगा, तो वह उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने दोहराया कि सरकार में कोई भी व्यक्ति व्यवस्था से ऊपर नहीं है और जवाबदेही तय करना उनकी प्राथमिकता है।
यह पूरी घटना न केवल तकनीकी मानकों के उल्लंघन को उजागर करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि राज्य सरकार अब ऐसी चूक पर सख्ती से कार्रवाई करने के मूड में है। ऊर्जा मंत्री के सख्त रुख और आगामी सर्वेक्षण एवं जांच की प्रक्रिया से यह स्पष्ट है कि हरियाणा में अब व्यवस्थागत लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं बची है।
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