Current Conditions: Cloudy, 71°F (22°C) Daily Forecast:
- Thursday, June 26: Low: 63°F (17°C), High: 73°F (23°C), Description: Periods of rain
- Friday, June 27: Low: 62°F (17°C), High: 75°F (24°C), Description: Periods of rain
- Saturday, June 28: Low: 63°F (17°C), High: 76°F (24°C), Description: Periods of rain
- Sunday, June 29: Low: 63°F (17°C), High: 74°F (23°C), Description: Periods of rain
- Monday, June 30: Low: 62°F (17°C), High: 73°F (23°C), Description: Rain at times
- Tuesday, July 1: Low: 56°F (13°C), High: 74°F (24°C), Description: Occasional rain
- Wednesday, July 2: Low: 64°F (18°C), High: 82°F (28°C), Description: Rather cloudy; brief morning showers followed by periods of rain in the afternoon
मानसून अब हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय हो गया है, और अब तक सबसे तेज़ और ज़ोरदार बारिश यमुनानगर जिले सहित प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 27 जून तक बारिश बेहद प्रभावी रहेगी और 30 जून तक लगातार बारिश की संभावना बनी रहेगी ।
यमुनानगर में बुधवार का दिन बाढ़ जैसी विपदा लेकर आया। खानूवाला गाँव के निवासी सुबह-दोपहर तक उफनती सोम नदी देखते ही देखते कमज़ोर होती बांध की धमक के बीच सिर पर घरेलू सामान और कंधों पर बिस्तर उठाए पलायन के लिए विवश रहे। उनका कहना है कि पिछले साल भी भारी बारिश में उनका सारा सामान पानी में बह गया था और कदा कभी प्रशासन ने उचित मुआवजा नहीं दिया। इस बार वे फिर से उसी त्रासदी का सामना नहीं करना चाहते थे। रात के अँधेरे में दोबारा भय का सामना न करने के लिए कई परिवारों ने सुरक्षित ठिकानों की ओर जाना शुरु कर दिया। नौ बजे तक ग्रामीणों ने अपनी वस्तुएँ ऊँचाई तक पहुँचाकर सुरक्षित बनाने की शुरूआत कर दी थी, ताकि कल का अंधेरा फिर फिरता नहीं दिखे।
यमुनानगर में बुधवार को रिकॉर्ड की गई बारिश दरों के अनुसार जगाधरी में 58 मिमी, ब्यासपुर में 80 मिमी, रादौर में 35 मिमी, छछरौली में 72 मिमी, सरस्वती नगर में 25 मिमी, साढौरा में 30 मिमी और प्रताप नगर में 100 मिमी बारिश दर्ज की गई। इन आंकड़ों ने स्थिति की भयावहता को स्पष्ट कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़कों पर तीन-तीन फीट पानी जमा है, वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो गई है, और खेत नदी जैसी स्थिति में आ गए हैं। ग्रामीण गगन ने बताया कि नदी जैसे बहते रास्तों में गाड़ियां देखकर यही लग रहा है मानो सड़कों की जगह वहाँ नदी बह रही हो।
मौसम विभाग ने मंडी जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर सावधानी बरतने को कहा है, जबकि अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट है । इससे संकेत मिलता है कि अगले चार-पाँच दिन प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मौसम सुस्त नहीं होगा। मंडी के उपायुक्त ने एडवायरी जारी कर नदी-नाले और ऊँचे स्थानों से दूर रहने की स्पष्ट सलाह दी है। चूंकि आज धूप और बादल का आंख मिचौली जारी है, ऐसी स्थिति और भी जोखिम भरी साबित हो सकती है।
स्थानीय लोग नाराज़ हैं कि प्रशासन समय पर बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी के ठोस उपाय क्यों नहीं करता। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि वे इस बार सिर्फ वोट के लिए गांव आने वाले नेताओं को माफ नहीं करेंगे, क्योंकि उनका भरोसा टूट चुका है। उन्होंने कहा – “नेता सिर्फ वोट मांगने आते हैं और हमारी पीड़ा उन्हें समझ नहीं आती।”
समय-समय पर जारी होने वाले अलर्ट, अफवाहें, लेकिन जमीन पर देरी से उठने वाले ठोस कदम—यह एक ऐसी तस्वीर है, जो हिमाचल में बदलते मानसून के साथ-साथ यहां की अस्थिर प्रकृति और कमजोर प्रशासनिक संरचना को रेखांकित करती है। किसानों की उम्मीदों को लेकर भले ही मानसून महत्वपूर्ण हो, लेकिन इसमें बाढ़, भूस्खलन और जलभराव जैसी समस्याएं मिलकर जब प्राकृतिक आपदाओं का अड्डा बन जाती हैं तो मानव जीवन और पूर्वाधार को खतरे में डाल देती हैं।
मौसम विशेषज्ञ कहते हैं कि हिमाचल में मानसून सामान्य या इसके लगभग 109 % वर्षा के बीच पहुंचने की संभावना है । लेकिन प्रदेश के संकीर्ण पहाड़ी भूगोल और कमजोर जलप्रबंधन प्रणालियों की वजह से यही वर्षा समस्या बनकर उभरती है। प्रशासन თუ और नागरिक जागरूकता के बीच सामंजस्य का अभाव रहेगा, तो बारिश बनाम बाढ़ का यह संघर्ष हिमाचल को बार-बार जुबां देगा।
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