क्रिकेट खेलते वक्त लगी सिक्स और फिर जिंदगी का ‘बोल्ड’: फिरोजपुर में खिलाड़ी को आया दिल का दौरा, मौके पर मौत

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पंजाब के फिरोजपुर जिले से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने खेल प्रेमियों और आम जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक युवक की क्रिकेट खेलते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

मामला फिरोजपुर जिले के मल्लांवाला गांव का बताया जा रहा है, जहां एक स्थानीय टूर्नामेंट में क्रिकेट मैच चल रहा था। खेल के दौरान बल्लेबाज ने जोरदार शॉट खेला—एक शानदार सिक्सर। लेकिन जैसे ही गेंद हवा में गई और बाउंड्री पार पहुंची, उसी पल बल्लेबाज अचानक मैदान पर बैठ गया। अगले ही पल वह वहीं ढेर हो गया। साथी खिलाड़ियों ने जब देखा कि वह रिस्पॉन्ड नहीं कर रहा है, तो सभी हक्के-बक्के रह गए।

वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि युवक पूरी ऊर्जा से बल्ला घुमाता है, गेंद को छक्के के लिए भेजता है और फिर जैसे ही वह शॉट की मुद्रा से बाहर आता है, उसके शरीर में अजीब सा तनाव दिखता है। वह घुटनों के बल बैठता है और कुछ ही सेकंड में गिरकर बेसुध हो जाता है। आनन-फानन में उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक युवक की पहचान अभी औपचारिक रूप से नहीं की गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह बिलकुल स्वस्थ नजर आता था और खेल के प्रति काफी जुनूनी था। मैच में उसका प्रदर्शन भी बेहतरीन चल रहा था। परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना सबके लिए सदमे का कारण बन गई।

चिकित्सकों की माने तो यह मामला सडन कार्डियक अरेस्ट का हो सकता है, जिसमें दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। आजकल युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। खासकर जब शरीर पर अत्यधिक तनाव पड़ता है या बिना पूर्ण जांच के उच्च शारीरिक गतिविधियों में भाग लिया जाता है।

खेलों के मैदान से इस प्रकार की त्रासदी पहले भी सामने आती रही हैं, पर हर घटना एक चेतावनी बनकर आती है। यह घटना न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक दुःखद पल है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने स्वास्थ्य को उतनी प्राथमिकता दे रहे हैं जितनी देनी चाहिए? क्या हर खेल आयोजन से पहले खिलाड़ियों का बेसिक हेल्थ चेकअप आवश्यक नहीं हो गया है?

स्थानीय प्रशासन और खेल संघ को चाहिए कि ऐसे आयोजनों में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों की मेडिकल जांच अनिवार्य करें। इसके अलावा, खेल मैदानों पर एम्बुलेंस और बेसिक मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में तत्काल इलाज संभव हो सके।

फिरोजपुर की यह घटना भले ही एक व्यक्तिगत क्षति हो, लेकिन इससे पूरे समाज को यह सबक लेना होगा कि स्वास्थ्य से बड़ा कोई स्कोर नहीं होता। खेल जीवन का उत्सव है, लेकिन वह तभी सार्थक है जब शरीर और दिल साथ दें।

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