हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला एक बार फिर प्राकृति की भीषण मार झेल रहा है। बीती रात से जारी मूसलधार बारिश ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है। एक ओर जहां बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, वहीं दूसरी ओर जगह-जगह फ्लैश फ्लड और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि सात लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन मौसम की बेरहम रफ्तार इस अभियान को लगातार चुनौती दे रही है।
करसोग क्षेत्र के पंजराट, कुट्टी, बरल, ममेल और भ्याल जैसे गांवों में बीती रात अचानक फ्लैश फ्लड की चपेट में कई वाहन बह गए और घरों को भी नुकसान पहुंचा। करसोग के डीएसपी तरनजीत सिंह के अनुसार स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर तैनात हैं और अब तक 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है। पुराना बाजार क्षेत्र में एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कुछ स्थानों पर मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है।
गोहर उपमंडल का स्यांज नाला सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा, जहां एक ही परिवार का घर फ्लैश फ्लड में पूरी तरह बह गया। इस हादसे में 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं, एक दंपति और उनके बच्चे शामिल हैं। राहत टीमें दिन-रात मलबे में दबे लोगों को खोजने में जुटी हैं। इसके अलावा मंडप तहसील के सुंदल गांव के पास भी काफलवानी माता मंदिर के पास नाले में अचानक आई बाढ़ ने लोगों को भयभीत कर दिया, हालांकि यहां जानमाल की क्षति नहीं हुई है।
भारी बारिश की वजह से जिले की 261 से अधिक सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है। जगह-जगह लैंडस्लाइड और पानी के तेज बहाव ने सड़कों को पूरी तरह बाधित कर दिया है। प्रशासन ने मंडी जिले में सभी शैक्षणिक संस्थानों को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया है। नदी-नालों के आसपास रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
सबसे अधिक चिंता का विषय पंडोह डैम की स्थिति है, जहां जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर तय है। जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते डैम से ब्यास नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जिससे नदी का बहाव और अधिक उग्र हो गया है। मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया है, जिससे खतरे का अंदेशा और गहरा गया है। प्रशासन ने आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में आगामी दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। विशेषकर 1 से 3 जुलाई तक राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार हालात पर निगरानी रखी जा रही है, लेकिन मौसम के रुख ने राहत कार्यों को अत्यधिक कठिन बना दिया है।
इस आपदा ने हिमाचल प्रदेश के सामने जलवायु परिवर्तन और आपातकालीन प्रबंधन की गंभीर चुनौतियों को फिर उजागर कर दिया है। एक ओर जहां सरकारी एजेंसियां राहत पहुंचाने में लगी हैं, वहीं दूसरी ओर आम लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासनिक निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
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