हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने समाज में भाईचारे, समरसता और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ श्री धन्ना भगत जी की जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि हम श्री धन्ना भगत जैसे संतों की शिक्षाओं और उनके जीवन मूल्यों को अपनाएं, तो समाज में व्याप्त जात-पात और ऊँच-नीच की खाइयों को पाटा जा सकता है। यह केवल एक जयंती समारोह नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप लेता नजर आया, जहां सरकार और समाज मिलकर संतों की परंपरा और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं।
जींद जिले के उचाना क्षेत्र के गांव पालवां में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री ने संत धन्ना भगत जी के आदर्शों की सराहना करते हुए कहा कि वे संत रामानंदाचार्य के शिष्य थे और उन्होंने भक्ति आंदोलन को राजस्थान तक पहुंचाकर सामाजिक समरसता की एक क्रांति खड़ी की। उनका जीवन इस बात का प्रतीक है कि आध्यात्मिक जागरूकता और सामाजिक सुधार साथ-साथ चल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों से भी अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें और जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर एक प्रगतिशील सोच की नींव रखें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री ने गांव पालवां के लिए कई विकासात्मक घोषणाएं भी कीं। इनमें तालाब की रिटेनिंग वॉल, खाप भवन की चारदीवारी, शेड, बरामदा-कम-हॉल और 40 किलोवाट सोलर पैनल की योजना शामिल रही। ये घोषणाएं न केवल स्थानीय विकास को गति देंगी, बल्कि यह भी संदेश देंगी कि संतों की भूमि पर सरकार सेवा को प्राथमिकता दे रही है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में नशे के खिलाफ प्रदेश में चल रहे अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि नशा समाज को खोखला कर रहा है और इससे मुक्ति केवल प्रशासनिक प्रयासों से नहीं, बल्कि जन-सहभागिता से ही संभव है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने में सहयोग करें और इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लें। नशामुक्त हरियाणा के निर्माण में जन-सक्रियता को सरकार एक निर्णायक शक्ति मान रही है।
मुख्यमंत्री सैनी ने राज्य सरकार द्वारा संत महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना के तहत आयोजित किए जा रहे इस प्रकार के आयोजनों को समाज के लिए दिशा निर्धारक बताया। उन्होंने कहा कि श्री धन्ना भगत पब्लिक स्कूल, धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में स्थापित किया गया है, ताकि भावी पीढ़ियों को संतों की शिक्षाओं से जोड़कर उन्हें प्रेरणा दी जा सके।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ ने संतों की परंपरा को हरियाणा की आत्मा बताते हुए कहा कि सरकार ने संतों की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल कौशिक ने यह भी जोड़ा कि वर्ष 2014 के बाद देश में एक वैचारिक और मानसिक परिवर्तन देखने को मिला है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को जाता है।
राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने मुख्यमंत्री से मांग की कि श्री धन्ना भगत के जीवन से जुड़े प्रसंगों को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि नई पीढ़ी उनके आदर्शों से परिचित हो सके। उन्होंने बताया कि श्री धन्ना भगत ने बचपन में ही सामाजिक समरसता की अलख जगाई थी और आज के दौर में उनके विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।
समारोह में मुख्यमंत्री ने श्री धन्ना भगत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उपस्थित संत-महात्माओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर संत धन्ना भगत के जीवन पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया, जो उनके विचारों को सहेजने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री, विधायक और गणमान्य नागरिक भी शामिल रहे, जिन्होंने इस आयोजन को एक सामाजिक चेतना के रूप में सराहा। यह समारोह संत धन्ना भगत के विचारों और उनके जीवन दर्शन को न केवल श्रद्धांजलि देने का अवसर बना, बल्कि इसे समाज सुधार और समरसता के व्यापक अभियान में परिवर्तित करने का प्रयास भी किया गया।
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