हरियाणा में मानसून ने दस्तक दे दी है, और राज्य के कई हिस्सों में शनिवार को झमाझम बारिश ने उमस भरी गर्मी से राहत दिलाई। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, सोनीपत और रोहतक में तेज बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि इस ठंडक ने खुशियाँ बाँटीं, वहीं जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियाँ भी बढ़ा दीं। मौसम विभाग ने रविवार को अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, पानीपत और सोनीपत में ‘ऑरेंज अलर्ट’ और फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, भिवानी, हिसार व पंचकूला में ‘येलो अलर्ट’ जारी किया, जिससे पता चलता है कि राज्य आगे भी काफी समय तक बारिश के चपेट में रहेगा ।
फरीदाबाद में शनिवार को सुबह तेज धूप निकलने के बाद दोपहर में अचानक बदलते मौसम ने अचानक काले बादल दिखा दिए। तेज बारिश ने राहगीरों के लिए राहत और चालक दल के लिए परेशानी दोनों ला दीं। गुडियर चौक के पास संत सूरदास मेट्रो स्टेशन के समीप जलभराव इतना बढ़ा कि कई वाहन फँस गये, जिससे लोगों को आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद मौसम विभाग ने रविवार तक कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के संकेत भी जारी किए हैं और अनुमान है कि यह बारिश शृंखला जुलाई के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी ।
तापमान के मोर्चे पर भी बदलाव दर्ज हुआ—राज्य का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस कम हो चुका है। रोहतक में तापमान 32.6°C तक गिर गया, जबकि सिरसा का तापमान अब भी 40.4°C पर बना हुआ है। सुबह से लेकर दोपहर तक मौसम में नोट की गई परिवर्तनशीलता राज्यवासियों को गर्मी और सर्दी के बीच झूलती हुई कल्पना में रखे हुए है।
मानसून की समय से पहले आगमन ने जहां फसलों को राहत पहुंचाई है और गर्मी से इंसानी जीवन को आराम मिला है, वहीं सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्या ने प्रशासन के कार्यप्रणाली पर नए प्रश्न खड़े कर दिए हैं। जल निकासी व्यवस्था और शहरों की तैयारी अनिवार्य रूप से तेज होनी चाहिए ताकि जनता को असुविधाओं का सामना न करना पड़े।
बुधवार से शुरू हुई बारिश का सिलसिला आगामी सोमवार और मंगलवार तक जारी रहने की संभावना है। विशेष रूप से 1 जुलाई को यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और झज्जर में भारी बारिश का अलर्ट है, जबकि गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी और मेवात में भी जोरदार बारिश हो सकती है। इस मौसम बदलाव ने सिर्फ मानसून की दस्तक ही नहीं दी, बल्कि यह राज्य के मौसम की नाज़ुकता और मानसून की अप्रत्याशितता को भी उजागर करता रहा।
आगामी दिनों में सड़कों पर जलभराव से क्षरण की संभावना, ट्रैफिक रुकावट और लोगों के पारिवारिक कार्यक्रमों पर असर जैसी घटनाएँ बढ़ सकती हैं। ऐसे मौकों पर प्रशासन की सजगता और तैयारी की अहमियत और बढ़ जाती है। साथ ही, किसानों के लिए यह बारिश खरीफ की बुवाई और सिंचाई के लिए वरदान साबित हो सकती है।
यह मानसून हरियाणा के लिए वरदान के साथ चुनौतियाँ भी लेकर आया है। राहत और जोखिम—दोनों हाथ में हैं। अब ज़रूरत है कि प्रशासन भी बारिश के इस मौसम में सजगता बरते, ताकि जनता की राहत समय पर बन सके, न कि परेशानी का नया संकट।
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