नैतिक भारत की दिशा में आचार्य भिक्षु स्वामी जी के विचारों को अपनाना समय की मांग: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

Date:

Share post:

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में आयोजित आचार्य भिक्षु स्वामी जी की 300वीं जयंती समारोह में भाग लेते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि संतों और महापुरुषों के विचार आज भी समाज को दिशा देने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम समाज को नैतिक, संयमी और चरित्रवान बनाना चाहते हैं, तो महापुरुषों के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाना ही होगा। यह लक्ष्य तभी हासिल होगा जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने आचरण में नैतिकता को सर्वोच्च स्थान देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है, तो यह आवश्यक है कि हम केवल आर्थिक और भौतिक प्रगति तक सीमित न रहें, बल्कि एक ऐसे सामाजिक परिवेश की रचना करें जो नैतिकता, अनुशासन और आत्मसंयम से परिपूर्ण हो। उन्होंने कहा कि एक सशक्त राष्ट्र की नींव मजबूत चरित्र और विचारों से ही रखी जा सकती है।

उन्होंने आचार्य भिक्षु स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन त्याग, तपस्या और सुधार की मिसाल है। उनका ‘एक आचार्य, एक विधान, एक विचार’ का सिद्धांत न केवल तेरापंथ का आधार बना बल्कि धर्म और समाज में एक अनुशासित और सशक्त व्यवस्था की नींव रखी। आचार्य भिक्षु स्वामी जी ने धर्म में व्याप्त कुरीतियों को चुनौती दी और अध्यात्म को तार्किक व यथार्थपरक दिशा प्रदान की।

मुख्यमंत्री सैनी ने जोर देते हुए कहा कि भिक्षु स्वामी जी का ‘अहिंसा’, ‘अनेकांतवाद’ और ‘अपरिग्रह’ का दर्शन आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अहिंसा केवल शारीरिक हिंसा से दूर रहना नहीं, बल्कि मन, वचन और कर्म से पवित्रता अपनाना है। वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक असहिष्णुता के दौर में यह दर्शन समाज को जोड़ने की ताकत रखता है। उन्होंने अनेकांतवाद को लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए कहा कि यह सिद्धांत विविध दृष्टिकोणों के सम्मान और सह-अस्तित्व को प्रेरित करता है।

युवाओं से विशेष आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे आत्म-अनुशासन को अपनाएं, चरित्र निर्माण को प्राथमिकता दें और भिक्षु स्वामी जी के विचारों से प्रेरणा लेकर समाजसेवा की ओर अग्रसर हों। उनका जीवन साहस, सत्य, संयम और सेवा की अनुपम मिसाल है। यह विचार युवाओं को आत्मनिष्ठ, साहसी और समाज के प्रति उत्तरदायी नागरिक बनाने में सहायक हो सकते हैं।

समारोह में मंचासीन मुनिश्री विनय कुमार आलोक, मुनिश्री सुधाकर, मुनिश्री अभय कुमार आलोक और अन्य मुनिजन भी उपस्थित थे, जिन्होंने आचार्य भिक्षु स्वामी जी के जीवनदर्शन और तेरापंथ के मूल सिद्धांतों को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की वाणी को जीवन में उतारना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर को आत्ममंथन का अवसर बताते हुए कहा कि हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत को एक नैतिक, सशक्त और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपने स्तर पर ईमानदार प्रयास करें।

#NayabSinghSaini #AcharyaBhikshuJayanti #Terapanth #Ahimsa #Anekantavada #EthicalSociety #ViksitBharat #SpiritualIndia #JainPhilosophy #MoralValues

यह एक वेब जनित समाचार कथा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

A Deep Rot in the System: Two Suicides, One Disturbing Pattern Exposing the Nexus Between Power and Crime in Haryana

Haryana’s law enforcement and administrative machinery stand shaken as back-to-back suicides of ADGP Y. Puran Kumar and ASI...

Nine Days After ADGP Y. Puran Kumar’s Death, Family Agrees to Post-Mortem at Chandigarh PGI

In a major development in the case surrounding the death of Haryana ADGP and IPS officer Y. Puran...

एडीजीपी पूरन कुमार केस में नया मोड़: जांच कर रहे एएसआई संदीप कुमार ने भी की आत्महत्या, छोड़ा तीन पेज का सुसाइड नोट

हरियाणा में एडीजीपी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है।...

One Year Celebration on Hold — Haryana’s anniversary plans stall amid an IPS officer’s death

Haryana’s plans to mark the first anniversary of the Nayab Singh Saini government have been abruptly put on...