विवादों में नायब सैनी सरकार: छेड़छाड़ के आरोपी विकास बराला को कानूनी पद पर बिठाया

Date:

Share post:

हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार एक बड़े विवाद में फंसती दिख रही है। वजह है—पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा हिसार सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को राज्य का सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किया जाना, जबकि वह यौन उत्पीड़न के एक चर्चित मामले में आरोपी हैं। यह मामला न सिर्फ कानूनी बल्कि नैतिक सवाल भी खड़ा करता है, क्योंकि सरकार द्वारा एक ऐसे व्यक्ति को कानून का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है जिस पर पहले से एक महिला के साथ छेड़छाड़ और पीछा करने का संगीन आरोप दर्ज है।

विकास बराला की नियुक्ति राज्य सरकार के 18 जुलाई को जारी आदेशों के तहत की गई है, जिसमें कुल 96 लॉ अधिकारियों की नियुक्ति की गई। इनमें अतिरिक्त महाधिवक्ता, वरिष्ठ उप महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता और सहायक महाधिवक्ता शामिल हैं। इन नियुक्तियों के लिए हरियाणा के महाधिवक्ता के नेतृत्व में एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था, जिसने विकास बराला के नाम पर भी अपनी मुहर लगाई।

विकास बराला वही व्यक्ति हैं, जिन पर 5 अगस्त 2017 को चंडीगढ़ में एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने और उसके साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। घटना उस समय सामने आई जब पीड़िता ने चंडीगढ़ पुलिस को कॉल कर अपनी आपबीती बताई थी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए विकास बराला और उनके साथी को हिरासत में लिया और भारतीय दंड संहिता की धारा 354D (पीछा करना) और मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

घटना के वक्त विकास बराला के पिता, सुभाष बराला, हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, जिसके चलते यह मामला काफी राजनीतिक तूल पकड़ गया था। पूरे राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की आलोचना हुई थी। हालांकि, विकास को बाद में जमानत मिल गई, लेकिन मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होनी है।

अब, जब सरकार खुद उन्हें सहायक महाधिवक्ता जैसे जिम्मेदार पद पर नियुक्त करती है, तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या सरकार महिला सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर है? विपक्षी दल और महिला संगठनों ने इस नियुक्ति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि सरकार ने यह संदेश दिया है कि सत्ता के करीबी लोगों को किसी भी तरह की जवाबदेही से छूट मिल सकती है, चाहे उनके खिलाफ कितने भी गंभीर आरोप क्यों न हों।

चिंता की बात यह भी है कि लॉ ऑफिसर के तौर पर विकास बराला अब कोर्ट में सरकार का पक्ष रखेंगे और यह भूमिका निष्पक्षता, नैतिकता और सार्वजनिक विश्वास की मांग करती है। लेकिन जब खुद कानून का प्रतिनिधि ऐसे गंभीर आरोपों में फंसा हो, तो उस पर भरोसा कैसे किया जा सकता है?

यह नियुक्ति ऐसे वक्त में आई है जब भाजपा सरकार खुद को “नारी शक्ति” के सशक्तिकरण का पक्षधर बताती रही है। लेकिन विकास बराला की नियुक्ति इस दावे को पूरी तरह खोखला बनाती है। राजनीतिक जानकार इसे नैतिक पतन और सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण बता रहे हैं।

विकास की नियुक्ति से यह सवाल भी खड़ा हुआ है कि क्या स्क्रीनिंग कमेटी ने उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामले को नजरअंदाज किया या फिर जानबूझकर उन्हें मौका दिया गया? यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार को इस विवादास्पद पृष्ठभूमि की जानकारी थी या नहीं, लेकिन जिस पारदर्शिता और जवाबदेही की बात सार्वजनिक नियुक्तियों में होती है, वह इस मामले में नदारद है।

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि जब नैतिकता और सत्ता के समीकरण टकराते हैं, तो नैतिकता अक्सर हारती है। अब देखना होगा कि क्या सरकार इस नियुक्ति को वापस लेगी या राजनीतिक दबाव के सामने उसे जस का तस बनाए रखेगी।

#VikasBarala #NaibSaini #HaryanaGovernment #IASDaughterCase #LegalControversy #BJPPolitics #WomenSafety #JusticeForVictims #AssistantAdvocateGeneral #ChandigarhCase

यह एक ऑटो वेब-जनरेटेड न्यूज़ वेब स्टोरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

नौ दिन बाद हुआ एडीजीपी वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम, शाम 4 बजे सेक्टर-25 श्मशानघाट में होगा अंतिम संस्कार

हरियाणा के एडीजीपी (ADGP) और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत मामले में नौ दिन बाद...

When Duty Breaks the Person: Why the Twin Suicides in Haryana Demand an Urgent Mental-health Reckoning

The back-to-back deaths of two serving Haryana police personnel — ADGP Y. Puran Kumar and, days later, ASI...

A Deep Rot in the System: Two Suicides, One Disturbing Pattern Exposing the Nexus Between Power and Crime in Haryana

Haryana’s law enforcement and administrative machinery stand shaken as back-to-back suicides of ADGP Y. Puran Kumar and ASI...

Nine Days After ADGP Y. Puran Kumar’s Death, Family Agrees to Post-Mortem at Chandigarh PGI

In a major development in the case surrounding the death of Haryana ADGP and IPS officer Y. Puran...