हरियाणा के पलवल में दर्दनाक हादसा: पुलिस हेड कांस्टेबल की तेज रफ्तार कार ने मासूमों की ली जान, दो की मौत, एक गंभीर

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हरियाणा के पलवल जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां सोमवार दोपहर स्कूल से घर लौट रहे तीन मासूम बच्चों को एक तेज रफ्तार कार ने कुचल दिया। हादसे में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा इतना भयावह था कि पूरे इलाके में मातम पसर गया और लोगों में गुस्से का माहौल है।

पुलिस के मुताबिक यह दर्दनाक घटना पलवल के उत्तावर क्षेत्र में दोपहर करीब 1:30 बजे घटी। मरने वाले बच्चों की उम्र 9 और 13 साल बताई जा रही है, जबकि 7 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल है और उसे रोहतक के पीजीआई अस्पताल रेफर किया गया है। बताया गया कि तीनों बच्चे उत्तावर सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी कर घर लौट रहे थे, तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।

डीएसपी मोहन लाल वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि हादसे के समय कार को हेड कांस्टेबल नरेंद्र चला रहा था, जो वर्तमान में नूंह (मेवात) में तैनात है। आरोपी कार चला रहा था और रफ्तार इतनी तेज थी कि बच्चों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और घायल बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही वाहन को जब्त कर लिया गया है। जांच के तहत आरोपी का मेडिकल टेस्ट भी करवाया गया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हादसे के वक्त वह नशे की हालत में तो नहीं था। डीएसपी ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद और सहयोग का आश्वासन दिया है। पुलिस ने मृतक बच्चों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इस त्रासदी में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन चलते हैं और स्कूल के समय पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं होती। ग्रामीणों ने मांग की है कि स्कूलों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि इस तरह के हादसे दोबारा न हों।

यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार ड्राइविंग पर गंभीर सवाल खड़े करती है। खासकर तब जब आरोपी खुद पुलिस विभाग से जुड़ा हो और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी उसके कंधों पर हो। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन और पुलिस इस घटना में कितनी तेजी से कार्रवाई करते हैं और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने में कितनी गंभीरता दिखाते हैं।

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